All about NRI Investment in India
A number of non-resident Indians who wish to invest in the country may have many questions on their mind, such as the investment options available to them and the process involved in investing.
To begin with, NRIs can invest in the following products in India:
IPO
Mutual funds
Secondary market transaction: Trades in SEBI registered stock exchanges in India
Portfolio management services (PMS)
Derivative trading: Futures and Options
Bonds
Alternative Investment Funds (AIF)
NRIs must have a saving bank account before they start to invest. There are two types of bank accounts NRIs can operate depending upon their income:
Income from India: Non-Resident Ordinary (NRO) Bank Account
Income out of India: Non-Resident External (NRE) Bank Account
Both the accounts are savings accounts maintained in Indian Rupees. You can remit your foreign income earned outside India in NRE bank account, which is fully repatriable. Income in India is parked in NRO bank account, which is partially repatriable.
To make direct equity investment by trading on recognised stock exchanges in India, NRIs need to open PIS bank account - a type of saving bank account that will only have secondary market transaction and charges, and TDS applicable.
Why is Portfolio Investment Scheme (PIS) required?
Non-Resident Indians (NRIs), and Persons of Indian Origin (PIOs) are allowed to invest in the secondary capital markets in India through the portfolio investment scheme (PIS). Under this scheme, NRIs can acquire shares of Indian companies through the stock exchanges in India. PIS account is basically required by the regulator to monitor the investment limit by NRIs in stock market.
PIS bank account is not required for making investments in mutual funds and applying in IPOs. To start with, NRIs need to open demat and trading account with SEBI registered broker in India.
Following documents are required for opening demat and trading account with SEBI registered broker in India:
Passport and Visa copy
PIO/OCI Card in case of foreign passport.
Foreign Address proof –Valid address proof: driving license/foreign passport/utility bills/bank statement (not more than 2 months)/leave & license agreement/ sale deed
Indian address proof if required as communication address
PIS Permission letter (in case of NRE investment)
Bank account proof
Things to remember before NRIs start trading:
Always make delivery based transaction.
Never trade in Banned and Caution scrip.
NRIs can purchase up to a maximum of 5% of the paid up capital of a company.
NRIs can have PIS bank account with only one designated bank.
An important point to note is that NRIs should not invest in prohibited sectors as per regulatory guidelines. These are as following:
Lottery business including government/ private lottery, online lotteries.
Gambling and betting, including casinos.
Chit funds (except for investments made by NRIs and OCIs on a non-repatriation basis).
Nidhi Company.
Trading in Transferable Development Rights (TDRs).
Real estate business or construction of farm houses.
Manufacturing of cigars, cheroots, cigarillos and cigarettes, of tobacco or of tobacco substitutes. The prohibition is on the manufacturing of the products mentioned and foreign investments in other activities related to these products, including wholesale cash and carry, retail trading etc. will be governed by the sectoral restrictions laid down in Regulation 16 of FEMA 20(R).
Activities/sectors not open to private sector investment viz., (i) Atomic energy and (ii) Railway operations
Foreign technology collaboration in any form, including licensing for franchise, trademark, brand name, management contract is also prohibited for lottery business and gambling and betting activities.
Complete details available at: https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_ViewMasDirections.aspx?id=11200
NRI इन्वेस्टमेंट :- नए लोगों के लिए जानने वाली बातें
भारत से बाहर रहने वाले हिन्दुस्तानियों के मन में भारत में निवेश को लेकर कई सवाल होते हैं जैसे की किस तरह निवेश करें, इन्वेस्ट करने का प्रोसेस क्या है या निवेश के लिए उनके पास क्या आप्शन हैं आदि
NRIs भारत में इन प्रोडक्ट्स में निवेश कर सकते हैं
IPO
म्यूच्यूअल फंड्स
सेकेंडरी मार्किट ट्रांसेक्शन : भारत में SEBI रजिस्टर्ड स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड करना
पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सरविसस (PMS)
डेरीवेटिव ट्रेडिंग : फ्यूचर एंड आप्शनस
बांड्स
अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIF)
किसी भी NRI के पास सेविंगस बैंक अकाउंट होना ज़रूरी है | अपनी इनकम के आधार पर NRIs दो तरह के एकाउंट्स रख सकते हैं
भारत से इनकम : नॉन – रेजिडेंट आर्डिनरी (NRO) बैंक अकाउंट
भारत के बाहर से इनकम : नॉन- रेजिडेंट एक्सटर्नल (NRE) बैंक अकाउंट
दोनों अकाउंट सेविंग्स एकाउंट्स ही होते हैं और भारतीय रूपए में चलते हैं | आप एनआरई बैंक खाते में भारत के बाहर से कमाई हुई अपनी विदेशी इनकम को भेज सकते हैं, जो पूरी तरह से रेपातिरबल ( जिसे दोनों में से किसी भी करेंसी में कन्वर्ट किया जा सके ) ऐसी होती है। भारत की इनकम एनआरओ बैंक खाते में रहती है, जो आंशिक रूप से ही किसी और करेंसी में कन्वर्ट करी जा सकती है।
भारत के जाने माने स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग करके सीधे इक्विटी में इन्वेस्ट करने के लिए NRIs को PIS बैंक अकाउंट खुलाना होगा – एक ऐसा सेविंग अकाउंट जिसमें सिर्फ सेकेंडरी मार्किट ट्रांसेक्शन और उसके चार्जेज ही होते हैं , इस पर TDS भी लगता है |
पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम क्यों ज़रूरी है ?
अप्रवासी भारतीय (NRIs), और भारतीय मूल के लोग (PIOs) भारत में सेकेंडरी मार्किट में इन्वेस्ट कर सकते हैं, वो ये पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम के ज़रिये (PIS) ही कर सकते हैं| इस स्कीम में NRIs को भारतीय स्टॉक एक्सचेंज से भारतीय कंपनियों के शेयर्स मिल सकते हैं | PIS अकाउंट रेगुलेटर को NRIs की स्टॉक मार्किट में इन्वेस्टमेंट लिमिट को मॉनिटर करने के लिए चाहिए होता है|
PIS बैंक अकाउंट म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के और IPOs के लिए अप्लाई करने के लिए नहीं चाहिए होता | शुरू करने के लिए NRIs को रजिस्टर्ड ब्रोकर के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है | रजिस्टर्ड ब्रोकर के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये डाक्यूमेंट्स चाहिए होते हैं |
पासपोर्ट और वीसा की कॉपी
PAN कार्ड की कॉपी
PIO/OCI कार्ड विदेशी पासपोर्ट होने के केस में
विदेश का एड्रेस प्रूफ – वैलिड एड्रेस प्रूफ : ड्राइविंग लाइसेंस/ विदेशी पासपोर्ट / यूटिलिटी बिल / बैंक स्टेटमेंट (2 महीने से ज्यादा का नहीं ) / लीव और लाइसेंस अग्रीमेंट / सेल डी
भारतीय एड्रेस प्रूफ बात चीत के लिए चाहिए होता है
PIS परमिशन लैटर (NRI इन्वेस्टमेंट के केस में)
बैंक अकाउंट प्रूफ
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले NRIs को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
हमेशा डिलीवरी बेस्ड ट्रांसेक्शन करें
बैन्ड और कौतिओन स्क्रिप्ट में काम न करें
NRIs पेड की गयी कंपनी कैपिटल का ज्यादा से ज्यादा 5 % खरीद सकते हैं |
NRIs के पास PIS बैंक अकाउंट किसी एक निश्चित बैंक का ही हो सकता है |
एक ज़रूरी बात ये है की NRIs रेगुलेटरी गाइडलाइन्स द्वारा निषेध सेक्टर्स में इन्वेस्ट न करें | जैसे की:
लाटरी बिज़नस ,सरकारी भी / प्राइवेट और ऑनलाइन लाटरी
जुआ और सट्टा कैसिनो वाला भी
चिट फंड्स.
निधि कंपनी.
ट्रेडिंग इन ट्रांस्फेराब्ले डेवलपमेंट राइट्स (TDRs).
रियल एस्टेट बिज़नस या फार्म हाउस बनवाना
सिगार ,चेरूट्स, सिगारिल्लोस और सिगरेट ,तम्बाकू या तम्बाकू जैसे किसी और चीज़ से जुड़े किसी भी प्रोडक्ट को बनाना | सभी बताये गए प्रोडक्ट्स को बनाने और इसने जुड़े किसी भी कार्य में विदेशी इन्वेस्टमेंट पर निषेध है| इस पर नज़र रखी जाती है रेगुलेशन 16 FEMA 20(R) के तहत |
एक्टिविटी /सेक्टर जो प्राइवेट इन्वेस्टमेंट के लिए ओपन नहीं हैं , वो हैं: (i) एटॉमिक एनर्जी और (ii) रेलवे ऑपरेशनस
लाटरी व्यवसाय और सट्टेबाजी में विदेशी तकनीक का इस्तेमाल किसी भी तरह करना गलत है. तकनीक का इस्तेमाल, उसकी फ्रैंचाइज़ी, ट्रेडमार्क, ब्रांड नाम का भी प्रयोग निषेध है।
Complete details available at: https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_ViewMasDirections.aspx?id=11200
इन्वेस्टमेंट सुरु कर इच्छुक NRIसाठी इन्वेस्टमेंट विषयी माहिती
भारतामध्ये न राहणाऱ्या अनेक भारतीय नागरिकांना भारत देशात इन्वेस्ट करायचे असेल. त्यांच्या डोक्यात अनेक प्रश्न उभे होऊ शकतात. जसे कि: कुठे कुठे इन्वेस्टमेंट ओप्शंस एवेलेबल आहेत? इन्वेस्टमेंट करण्याची प्रोसिजर काय असते? वगेरे
सर्वात आधी पाहूया कि NRI भारतामध्ये खाली दिल्या प्रमाणे प्रोडक्ट्स मध्ये इन्वेस्ट करू शकतात.
IPO
म्यूच्यूअल फंड्स
सेकंडरी मार्केट ट्रान्झेक्षन्स : भारतामध्ये SEBI मध्ये रजिस्टर्ड स्टोक एक्स्चेंज वर ट्रेड करावे
पोर्टफ़ोलिओ मेनेजमेंट सर्विस (PMS)
डेरीवेटीव ट्रेडिंग : फ्युचर & ओप्शंस
बोंडझ
ओल्टरनेटीव इन्वेस्टमेंट फंडझ (AIF)
NRI इन्वेस्ट करायचे सुरु करण्यासाठी सेविन्ग्स बेंक एकाउंट होणे जरुरी आहे. NRI नागरिक स्वतःच्या
इन्कमच्या अनुरूप २ प्रकारचे बेंक एकाउंट उघडू शकतात :
जर भारतातून इन्कम येत असेल तर, नोन रेसिडेंट ओर्डीनरी (NRO) बेंक एकाउंट
भारताच्या बाहेरून येणारी इन्कम असेल तर, नोन रेसिडेंट एक्स्टर्नल (NRE) बेंक एकाउंट
हे दोन्ही एकाउंट सेविंग एकाउंट आहे, आणि ह्याच्या हिशोब INR (भारतीय करन्सी) मध्ये होतो. तुम्ही तुमची विदेशात कमवलेल्या इंकमला इंडिया मध्ये NRE एकाउंट मध्ये पाठवू शकता, जी पूर्णपणे repatriable (स्वतःच्या देशातून काढू शकतो अशी) असते. भारतामध्ये जी इन्कम NRO बेंक एकाउंट मध्ये पडली असते, ती पार्शियली repatriable असते.
भारतात रजीस्टर्ड स्टोक एक्सचेंजमध्ये ट्रेडिंग करण्याद्वारा डायरेक्ट इक्विटी इन्वेस्टमेंट करण्यासाठी NRI नागरिकांना PIS बेंक एकाउंट उघडावे लागते. हे एक असे खाते आहे कि ज्यामध्ये फक्त सेकंडरी मार्केट ट्रान्झेक्षन होऊ शकतात, आणि TDS आणि चार्जीस लागतात.
पोर्टफ़ोलिओ इन्वेस्टमेंट स्कीम (PIS)ची गरज का लागते?
नोन रेसिडेंट इंडियन्स (NRIs) आणि पर्सन्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (PIOs), हे लोक पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट स्कीम (PIS) द्वारा भारताच्या सेकंडरी केपिटल मार्केट मध्ये इन्वेस्ट करू शकतात. ह्या स्कीम मुळे, NRI व्यक्ती इंडियन स्टोक एक्स्चेंजच्या मदतीने भारतीय कंपनीचे शेर खरेदी करू शकतात. PIS एकाउंट साठीची NRI व्यक्तीची इन्वेस्टमेंट लिमिटला एक रेग्युलेटर मोनिटर करत असतो.
IPO एप्लाय करण्यासाठी आणि म्युच्युअल फंडात इन्वेस्ट करण्यासाठी बेंक एकाउंटची गरज नाही. पण स्टोक एक्स्चेंज वर ट्रेड करण्यासाठी NRIांना SEBI रजिस्टर्ड ब्रोकर कडे डीमेट आणि ट्रेडिंग एकाउंट उघडावे लागते.
SEBI कडे रजिस्टर्ड ब्रोकर कडे डीमेट आणि ट्रेडिंग एकाउंट उघडायला खालील प्रमाणे डोक्यूमेंट लागतात :
पासपोर्ट आणि विझा कोपी
PAN कार्ड की कॉपी
पेन कार्ड कोपी
PIO / OCI कार्ड (जर विदेशाचा पासपोर्ट असेल तर)
विदेशाचे एड्रेस प्रुफ – वेलीड एड्रेस प्रुफ : ड्रायविंग लायसन्स / विदेशाचा पासपोर्ट / युटीलिटी बिल्स / बेंक स्टेटमेंट (२ महिनांपासून जास्त जुने नाही)/ लिव एंड लायसन्स एग्रीमेन्ट / सेल डीड
इंडियन एड्रेस प्रुफ : कोम्युनीकेशन साठी गरज पडेल तर
PIS परमिशन लेटर (NRE इन्वेस्टमेंटच्या केस मध्ये)
बेंक एकाउंट प्रुफ
NRI ट्रेडिंग सुरु करण्या आधी लक्ष्यात ठेवण्याचे गोष्ठी :
नेहमी डिलिवरी बेझ्ड ट्रान्झेक्षन्स च करा.
बेंड आणि कोशन स्क्रिप्समध्ये कधीही ट्रेड करू नये.
NRI व्यक्ती कोणत्याही भारतीय कंपनीच्या पेईड अप केपिटलच्या मेक्झीमम ५ % शेर खरेदी करू शकता.
NRI कोणत्याही एक च डेझीग्नेटेड बेन्केबरोबर PIS बेंक एकाउंट ठेवू शकतो.
एक महत्त्वाचा नोंदण्यासारखा मुद्दा हा आहे, कि NRIांनी सरकारची रेग्युलेटरी गाईडलाईन्स मधली प्रोहीबीटेड सेक्टर्स मध्ये इन्वेस्ट करायला नाही पाहिजे. हे सेक्टर्स खालील प्रमाणे आहे :
गवर्मेंट / प्रायवेट लॉटरी / ओन्लाईन लॉटरी विगेरे लॉटरी बिझनेस
गेम्ब्लिंग आणि बेटिंग, ह्यामध्ये केसिनोझचा पण समावेश होतो
चीट फंडझ (NRI आणि OCI लोकांनी नोन- रीपेट्रिएशन बेझीस वर जी गुंतवणूक केली असेल, त्या शिवायचे)
निधी कंपनी
ट्रान्स्फरेबल डेवलपमेन्ट राईट्स (TDRs) मध्ये ट्रेडिंग करावे.
रियल इस्टेट बिझनेस किंवा फार्महाउस कंस्ट्रक्शन
सिगार, चिरूट, सिगारील आणि सिगरेट अश्या तंबाकू किंवा तंबाकूचे पर्यायी प्रोडक्ट्सचे मेन्यूफेक्चरिंग. हे जो प्रतिबंध आहे, तो वर दाखवलेल्या प्रोडक्ट्सचे उत्पादन, त्यामध्ये फोरेईन इन्वेस्टमेंट आणि त्यासंबंधी दुसर्या सर्व प्रवृत्यांवर आहे. म्हणून होलसेल , केश एंड केरी, रीटेईल ट्रेडिंग विगेरे एकटीविटीझचा पण समावेश होतो. ह्या सघळ्या प्रवृत्तींवर FEMA 20 (R) च्या Regulation 16 मध्ये दाखवलेल्या सेक्टरल रीस्ट्रिक्शन्स द्वारा नियमन करण्यात येते.
जे सेक्टर्स किंवा एकटीविटीझ, प्रायवेट सेक्टरचे इन्वेस्टमेंट साठी ओपन नाहीत तसे (i) एटोमिक एनर्जी, (ii) रेईलवे ऑपरेशन्स.
लॉटरी बिझनेस, गेम्ब्लिंग आणि बेटिंग एकटीविटीझ मध्ये कोणत्याही प्रकारचे फोरेन टेक्नोलोजी कोलाबरेशन; जसे कि फ्रेंचाइझी साठी लायसन्स, ट्रेडमार्क, ब्रांड नेम, मेनेजमेंट कोंट्रेकट वगेरे पण प्रोहीबिटेड आहे.
जास्त विगत खालील लिंक वर उपलब्ध आहे https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_ViewMasDirections.aspx?id=11200
બીગીનર NRIને ઇન્વેસ્ટમેંટ માટેની ગાઈડ
ભારતમાં ન વસતા ઘણા બધા ભારતીય નાગરિકોને ભારત દેશમાં ઇન્વેસ્ટ કરવાની ઈચ્છા હોય છે. તેઓના મગજમાં ઘણા બધા પ્રશ્નો હોઈ શકે છે, જેમ કે: કયા-કયા ઇન્વેસ્ટમેંટ ઓપ્શન્સ અવેલેબલ છે? ઇન્વેસ્ટ કરવા માટેનો પ્રોસીજર શું હોય છે? વગેરે
સૌપ્રથમ જોઈએ તો NRI ભારતમાં નીચે પ્રમાણેના પ્રોડક્ટ્સમાં ઇન્વેસ્ટ કરી શકે છે :
IPO
મ્યુચ્યુઅલ ફંડ
સેકન્ડરી માર્કેટ ટ્રાન્ઝેક્શન : ભારતમાં SEBI રજીસ્ટર્ડ સ્ટોક એક્સચેન્જમાં ટ્રેડ કરવું
પોર્ટફોલીઓ મેનેજમેન્ટ સર્વિસ (PMS)
ડૅરિવેટિવ ટ્રેડીંગ : ફયુચર્સ એન્ડ ઓપ્શન્સ
બોન્ડ્ઝ
ओल्टरनेटीव इन्वेस्टमेंट फंडझ (AIF
NRIને ઇન્વેસ્ટ કરવાનું શરુ કરવા માટે સેવિંગ્સ બેંક એકાઉન્ટ હોવું જરૂરી હોય છે. NRI પોતાની ઇન્કમને અનુરૂપ બે પ્રકારના બેંક એકાઉન્ટ ખોલાવી શકે છે:
જો ભારતમાંથી ઇન્કમ આવતી હોય તો : નોન રેસીડન્ટ ઓર્ડીનરી (NRO) બેંક એકાઉન્ટ
ભારતની બહારથી આવતી ઇન્કમ હોય તો : નોન રેસીડન્ટ એક્સ્ટર્નલ (NRE) બેંક એકાઉન્ટ
આ બંને એકાઉન્ટ સેવિંગ્સ એકાઉન્ટ છે અને એનો હિસાબ INR (ભારતીય કરન્સી) માં થાય છે. તમે તમારી વિદેશમાં કમાવેલી
ઇન્કમને ઇન્ડિયામાં NRE એકાઉન્ટમાં મોકલી શકો છો, જે સંપૂર્ણતયા repatriable (પોતાના દેશમાંથી ઉપાડી શકાય તેવા)
હોય છે. ભારતમાં જે ઇન્કમ NRO બેંક એકાઉન્ટમાં પડ્યા હોય છે તે પાર્શિયલી repatriable હોય છે.
ભારતમાં રજીસ્ટર્ડ સ્ટોક એક્સચેન્જમાં ટ્રેડીંગ કરવા દ્વારા ડાયરેક્ટ ઇક્વિટી ઇન્વેસ્ટમેંટ કરવા માટે, NRI નાગરિકોએ PIS બેંક
એકાઉન્ટ ખોલાવવો પડે છે. આ એક એવું ખાતું છે કે જેમાં માત્ર સેકન્ડરી માર્કેટ ટ્રાન્ઝેક્શન્સ થઇ શકે છે અને TDS તથા ચાર્જીસ
લાગે છે.
પોર્ટફોલીઓ ઇન્વેસ્ટમેંટ સ્કીમ (PIS) ની કેમ જરૂર પડે છે ?
નોન રેસીડેન્ટ ઇન્ડિયન્સ (NRIs), અને પર્સન્સ ઓફ ઇન્ડીયન ઓરીજીન (PIOs) પોર્ટફોલીઓ ઇન્વેસ્ટમેંટ સ્કીમ (PIS) દ્વારા ભારતના સેકન્ડરી કેપિટલ માર્કેટ્સમાં ઇન્વેસ્ટ કરી શકે છે. આ સ્કીમ અંતર્ગત, NRI ઇન્ડીયન સ્ટોક એક્સચેન્જની મદદથી ભારતીય કંપનીના શેર્સ ખરીદી શકે છે. PIS એકાઉન્ટ માટેની, NRI વ્યક્તિઓની ઇન્વેસ્ટમેંટ લીમીટને એક રેગ્યુલેટર મૉનિટર કરતો રહે છે.
IPO એપ્લાય કરવા માટે અને મ્યૂચ્યુઅલ ફંડમાં ઇન્વેસ્ટ કરવા માટે PIS બેંક એકાઉન્ટની જરૂરત પડતી નથી. ટ્રેડીંગ કરવા માટે NRI વ્યક્તિઓએ SEBI માં રજીસ્ટર્ડ બ્રોકર પાસે ડીમેટ અને ટ્રેડીંગ એકાઉન્ટ ખોલાવવું પડે છે.
SEBI માં રજીસ્ટર્ડ બ્રોકર પાસે ડીમેટ અને ટ્રેડીંગ એકાઉન્ટ ખોલાવવા માટે નીચે પ્રમાણેના દાસ્તાવેજની જરૂર પડે છે :
પાસપોર્ટ અને વિઝા કોપી
પેન કાર્ડ કોપી
PIO / OCI કાર્ડ, જો વિદેશનો પાસપોર્ટ હોય તો
વિદેશનું એડ્રેસ પ્રૂફ – વેલીડ એડ્રેસ પ્રૂફ : ડ્રાઈવિંગ લાઈસન્સ / વિદેશનો પાસપોર્ટ / યુટીલીટી બિલ્સ / બેંક સ્ટેટમેંટ (૨ મહિનાથી વધુ જૂની નહિ) / લીવ એન્ડ લાઈસન્સ એગ્રીમેન્ટ / સેલ ડીડ
ઇન્ડીયન એડ્રેસ પ્રૂફ : કોમ્યુનીકેશન એડ્રેસ માટે જો જરૂર પડે તો
PIS પરમીશન લેટર (NRE ઇન્વેસ્ટમેંટ ના કેસમાં)
બેંક એકાઉન્ટ પ્રૂફ
NRI એ ટ્રેડીંગ શરુ કરતા પહેલા ધ્યાનમાં રાખવા જેવી બાબતો
હમેશા ડિલિવરી-બેઝ્ડ ટ્રાન્ઝેક્શન કરવાનું જ રાખો.
બૅન થયેલી અને કૉશન સ્ક્રીપ્ટ્સમાં ક્યારે પણ ટ્રેડ ન કરવું.
NRI વ્યક્તિઓ કોઈ પણ ભારતીય કંપનીના પેઈડ અપ કેપિટલના મેક્સીમમ ૫% શેર્સ જ ખરીદી શકે છે.
NRI વ્યક્તિઓ કોઈ પણ એક જ ડેઝીગ્નેટેડ બેંક સાથે PIS બેંક એકાઉન્ટ રાખી શકે છે.
એક મહત્ત્વનો નોંધવા લાયક મુદ્દો એ છે કે NRIએ સરકારની રેગ્યુલેટરી ગાઈડ લાઈન્સ પ્રમાણેના પ્રોહીબીટેડ સેકટર્સમાં ઇન્વેસ્ટ ન કરવું જોઈએ. આ સેક્ટર્સ નીચે પ્રમાણે છે :
ગવર્મેન્ટ / પ્રાઈવેટ લોટરી, ઓનલાઈન લોટરી વગેરે લોટરી બીઝનેસ
ગેમ્બલિંગ અને બેટિંગ, આમાં કેસીનોઝ નો પણ સમાવેશ થાય છે.
ચીટ ફંડ્સ (NRI અને OCI વ્યક્તિઓએ નોન- રીપેટ્રીએશન બેઝીસ ઉપર જે રોકાણ કર્યું હોય તે સિવાયનું)
નિધિ કંપની
ટ્રાન્સફરેબલ ડેવલપમેન્ટ રાઈટ્સ (TDRs) માં ટ્રેડીંગ કરવું
રીયલ એસ્ટેટ બીઝનેસ અથવા ફાર્મ હાઉસ કન્સ્ટ્રકશન
સિગાર, ચિરૂટ, સીગારીલો અને સિગરેટ વગેરે તમાકુ અથવા તમાકુ ના સબ્સ્ટીટ્યુટસ પ્રોડક્ટ્સનું મેન્યુફેક્ચરિંગ. આ જે પ્રતિબંધ છે તે ઉપર બતાડેલા પ્રોડક્ટ્સના ઉત્પાદન, તેમાં ફોરેઇન ઇન્વેસ્ટમેંટ અને તેને લાગતીવળગતી બીજી પ્રવૃત્તિઓ ઉપર છે. આમ હોલસેલ, કેશ એન્ડ કેરી, રેતેઈલ ટ્રેડીંગ વગેરે એક્તીવીટીઝ નો પણ સમાવેશ થઇ જાય છે. આ બધી જ પ્રવૃત્તિઓ ઉપર FEMA 20 (R) ના Regulation 16 માં બતાડેલ સેકટોરલ રિસ્ટ્રીક્શન્સ દ્વારા નિયમન કરવામાં આવે છે.
જે સેક્ટર્સ અથવા એક્ટીવિટીઝ પ્રાઈવેટ સેક્ટર ઇન્વેસ્ટમેંટ માટે ઓપન નથી તેવા ; (i) એટોમિક એનર્જી, અને (ii) રેલ્વે ઓપરેશન્સ
લોટરી બીઝનેસ, ગેમ્બલિંગ અને બેટિંગ એક્ટીવીટીઝમાં કોઈ પણ પ્રકારનું ફોરેન ટેકનોલોજી કોલાબરેશન, જેમ કે, ફ્રેન્ચાઇઝી માટે લાઈસન્સ, ટ્રેડમાર્ક, બ્રાંડ નેમ, મેનેજમેન્ટ કોન્ટ્રેક્ટ વગેરે પણ પ્રોહીબીટેડ છે.
વધુ ડીટેઈલ્સ નીચેની લીંક ઉપર ઉપલબ્ધ છે https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_ViewMasDirections.aspx?id=11200